आज के दौर में मोबाइल फोन हमारी ज़िंदगी का एक अहम हिस्सा बन चुका है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि जिस डिवाइस को हम दिनभर अपने साथ रखते हैं, वही हमारे स्वास्थ्य के लिए खतरा बन सकता है? मोबाइल फोन से निकलने वाली रेडिएशन को लेकर लंबे समय से वैज्ञानिक और हेल्थ एक्सपर्ट्स रिसर्च कर रहे हैं। सवाल यह उठता है कि क्या मोबाइल की रेडिएशन सच में इंसानों को धीमे-धीमे नुकसान पहुँचा रही है? आइए, इस विषय को विस्तार से समझते हैं।
मोबाइल फोन से निकलने वाली रेडिएशन क्या है?
मोबाइल फोन इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन (EMR) का उत्सर्जन करते हैं, जो दो प्रकार की होती है – आयोनाइज़िंग (Ionizing) और नॉन-आयोनाइज़िंग (Non-Ionizing)।
1. आयोनाइज़िंग रेडिएशन – यह उच्च-ऊर्जा वाली रेडिएशन होती है, जैसे कि एक्स-रे और गामा किरणें, जो डीएनए को नुकसान पहुँचा सकती हैं।
2. नॉन-आयोनाइज़िंग रेडिएशन – मोबाइल फोन इसी श्रेणी की रेडिएशन छोड़ते हैं। इसे कम हानिकारक माना जाता है, लेकिन लगातार और लंबे समय तक इसके संपर्क में रहने से स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है।
रेडिएशन का स्वास्थ्य पर असर
हालांकि, मोबाइल फोन की रेडिएशन को लेकर कई शोध किए गए हैं, लेकिन नतीजे अभी भी पूरी तरह स्पष्ट नहीं हैं। कुछ स्टडीज़ के अनुसार, लंबे समय तक रेडिएशन के संपर्क में रहने से निम्नलिखित समस्याएँ हो सकती हैं:
मस्तिष्क पर प्रभाव – मोबाइल रेडिएशन का सबसे ज्यादा असर हमारे दिमाग पर पड़ सकता है। कुछ रिसर्च में यह संकेत मिला है कि ज्यादा फोन इस्तेमाल करने से ब्रेन ट्यूमर होने का खतरा बढ़ सकता है।
नींद की समस्या – देर रात मोबाइल फोन इस्तेमाल करने से मेलाटोनिन हार्मोन का स्तर प्रभावित होता है, जिससे नींद पर बुरा असर पड़ सकता है।
हृदय संबंधी समस्याएँ – कुछ स्टडीज़ में पाया गया है कि ज्यादा रेडिएशन हृदय की धड़कन की अनियमितता और हाई ब्लड प्रेशर जैसी समस्याओं का कारण बन सकती है।
क्या WHO और अन्य हेल्थ एजेंसियों ने इसे खतरनाक बताया है?
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) और इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर (IARC) ने मोबाइल फोन की रेडिएशन को ‘संभावित रूप से कैंसरजनक’ (Possibly Carcinogenic) श्रेणी में रखा है। इसका मतलब यह है कि अभी तक यह 100% साबित नहीं हुआ है कि मोबाइल फोन कैंसर का कारण बन सकते हैं, लेकिन इसकी संभावना को नकारा नहीं जा सकता।
कैसे बचा जा सकता है मोबाइल रेडिएशन से?
अगर आप मोबाइल फोन की रेडिएशन से होने वाले संभावित खतरों से बचना चाहते हैं, तो निम्नलिखित उपाय अपना सकते हैं:
इयरफोन या स्पीकर मोड का उपयोग करें – फोन को कान से दूर रखने से रेडिएशन का असर कम हो जाता है।
फोन को शरीर से दूर रखें – रात में सोते समय फोन को सिरहाने के पास न रखें।
मोबाइल डेटा और Wi-Fi का सीमित उपयोग – जितना संभव हो, कम समय के लिए ही इंटरनेट का उपयोग करें।
SAR वैल्यू चेक करें – किसी भी फोन को खरीदने से पहले उसकी SAR (Specific Absorption Rate) वैल्यू जरूर चेक करें। कम SAR वाले फोन का चुनाव करें।
वैज्ञानिक अब तक इस निष्कर्ष पर नहीं पहुँचे हैं कि मोबाइल फोन से निकलने वाली रेडिएशन पूरी तरह से सुरक्षित है या खतरनाक। लेकिन, लंबे समय तक मोबाइल फोन का अधिक उपयोग स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं माना जाता। यह सच है कि हम मोबाइल फोन के बिना जीवन की कल्पना नहीं कर सकते, लेकिन सावधानी बरतना भी जरूरी है। इसलिए, संतुलित उपयोग करें और जितना संभव हो, मोबाइल फोन की रेडिएशन से बचने के उपाय अपनाएँ।
क्या आप भी मोबाइल फोन की रेडिएशन से बचने के लिए कोई उपाय अपनाते हैं? हमें कमेंट में बताएं!
