एक ऐसा ग्रह जहां बारिश पानी की नहीं, कुछ और की होती है!
इस ग्रह का नाम है – WASP-76b
यह एक एक्सोप्लैनेट है जो पृथ्वी से करीब 640 प्रकाशवर्ष दूर है।
यहां का तापमान 2,400°C तक पहुंचता है!
इतनी गर्मी में यहां की हवा में लोहा भी वाष्प बन जाता है।
औ
र जब यह लोहे की भाप ठंडी होती है…
तो यह बारिश की तरह गिरती है — हां, लोहा बरसता है!
इसका एक भाग हमेशा तारा की ओर होता है।
वहीं दूसरा भाग ठंडा — जिससे ये अजीब बारिश होती है!
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